आज हम आपसे बॉलीवुड फिल्मी दुनिया की बेहतरीन अदाकारा आशा पारेख के बारे में बात करने जा रहे हैं. एक्ट्रेस आशा पारेख ने बॉलीवुड फिल्मी दुनिया में एक से एक शानदार फिल्म में शानदार अभिनय किया अपने अभिनय से बॉलीवुड में ऐसी खास छाप छोड़ी है आज भी उनके अभिनय को फिल्मों को उनके फैन से देखना पसंद करते हैं आशा पारेख ने 70 80 के दशक में सभी दिग्गज अभिनेताओं के साथ अभिनय किया. अपने फिल्मी ज़माने में सबसे ज्यादा फीस लेने वाली अभिनेत्री आशा पारेख हुआ करती थी.
फिल्म तीसरी मंजिल,आन मिलो सजना बहारों केसपने और मेरे सनम सहित कई हिट फिल्में की. सभी दिग्गज अभिनेता शम्मी कपूर,जॉय मुखर्जी,शशि कपूर और राजेश खन्ना के साथ जोड़ी हुआ करती थी वह हर हीरो के लिए काफी लकी साबित तू होती थी. सभी के साथ हिट फिल्में दी. हिट गर्ल के नाम से मशहूर हो गई थी आशा पारेख. एक्ट्रेस आशा पारेख शानदार अभिनेत्री होने के साथ-साथ एक बहुत अच्छी डांसर भी हैं. प्रोड्यूसर और डायरेक्टर भी रह चुकी हैं.
लेकिन आशा पारेख डिप्रेशन में भी जा चुकी थी. इतनी सफल अभिनेत्री होने के बाद भी उनके अकेलेपन के कारण वह डिप्रेशन का शिकार हो गई थी.आपको बता दें आशा पारेख अपना 79 वां जन्मदिन मना रही हैं.एक्ट्रेस आशा पारेख नेअपने बारे में बताया हैं, “लोग सोचते हैं मैं केवल ग्लैमर के लिए हूं लेकिन मेरी जिंदगी केवल फिल्मस्टार तक नहीं है मैं एक इमोशनल पर्सन हूं मैं अपने दिल की बात सुनती हूं दिमाग की नहीं”
मैं एक सख्त इंसान के रूप में सामने आती हूं लेकिन मैं इतनी मजबूत नहीं हूं जब कोई मुझे चोट पहुंचाता है या जब मुझे लगता है कि मैंने किसी को चोट पहुंचाई है,तो मुझे चिंता होती है”आपको बता दें एक्ट्रेस आशा पारेख की पर्सनल लाइफ की बात करें तो आशा पारेख फिल्ममेकर नासिर हुसैन से मोहब्बत करती थी. जो पहले से ही शादीशुदा थे दोनों ने साथ में कई फिल्मों में भी अभिनय किया लेकिन उनकी और नासिर की शादी नहीं हो सकी इसके बाद उन्होंने कभी शादी के बारे में नहीं सोचा.
आशा पारेख अपने माता-पिता से बहुत प्यार करती है. 1990 में उनकी मां का निधन हो गया यह उनके पिता और उनके लिए काफी दुख भरा पल था.इसके पश्चात उनके पिता भी 2003 में बचूभाई पारीख का भी निधन हो गया. माता पिता के निधन के बाद आशा पारेख खुद को बहुत अकेला महसूस करने लगी.पीटीआई के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने बताया था यह मेरे लिए बुरे दौर की तरह था. मैं पूरी तरह अकेली हो गई थी और मुझे सब कुछ मैंनेज करना था इसने मुझे डिप्रेशन में डाल दिया.
मैं खुद को दुखी महसूस कर रही थी मेरे मन में जिंदगी के लिए बिल्कुल लगाओ खत्म हो गया था फिर मैं इससे बाहर निकली यह एक संघर्ष था मुझे ठीक होने के लिए डॉक्टर की मदद लेनी पड़ी.
आशा पारेख एक बच्चे को गोद लेना चाहती थी लेकिन डॉक्टर्स ने उस बच्चे को गोद लेने से मना कर दिया क्योंकि वह शारीरिक तौर पर कई बीमारियों से ग्रस्त था.क्ट्रेस आशा पारेख ने खुश रहने का तरीका समझ लिया है. वह कहती हैं कि या तो मैं चिंता करूं और दुखी रहूं या खुद को मैं बिजी रखू और डिप्रेशन से लडू फैसला मेरा है मैं फिर से वहां नहीं जाना चाहती.