पूरे देश में आर्मी भर्ती की अग्निपथ योजना को लेकर बवाल छिड़ा है. इस योजना के विरोध में छात्र सड़कों पर उतरकर आंदोलन कर रहे हैं. आज भारत बंद का भी ऐलान किया गया है. इन सबके बीच महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने बड़ी घोषणा की है. आनंद महिंद्रा ने कहा है कि, प्रशिक्षित और योग्य अग्निवीरों को वो अपनी कंपनी में भर्ती देंगे.
आनंद महिंद्रा ने सोशल मीडिया ट्विटर के माध्यम से कहा है कि, वो अग्निपथ योजना को लेकर हुई हिंसा से दुखी हैं. उन्होंने कहा कि, जब पिछले साल इस योजना को पेश किया गया था, तो मैंने कहा था और आज भी वही दोहराता हूं कि अग्निवीर का अनुशासन और कौशल उन्हें रोजगार पाने योग्य बना देगा. महिंद्रा समूह ऐसे प्रशिक्षित, सक्षम युवाओं की भर्ती के अवसर का स्वागत करता है.सेना भर्ती की अग्निवीर योजना के खिलाफ छात्रों का गुस्सा सड़क पर दिख रहा है. बिहार, यूपी, हरियाणा, दिल्ली, झारखंड समेत देश के कई राज्यों में युवा सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, योजना के खिलाफ छात्रों ने आज भारत बंद का ऐलान किया है. देश के युवा लगातार योजना को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
Saddened by the violence around the #Agneepath program. When the scheme was mooted last year I stated-& I repeat-the discipline & skills Agniveers gain will make them eminently employable. The Mahindra Group welcomes the opportunity to recruit such trained, capable young people
— anand mahindra (@anandmahindra) June 20, 2022
अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे छात्रों को राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिल रहा है. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, आरजेडी समेत कई दलों ने योजना को लेकर सरकार का विरोध किया है. कांग्रेस योजना के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर पर सत्याग्रह कर रही है. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत कई कांग्रेसी नेता आंदोलन में शामिल हैं. इस दौरान पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने युवाओं से फर्जी राष्ट्रवादियों को पहचानने की अपील करते हुए उनसे कहा कि युवा देश में ऐसी नयी सरकार का गठन सुनिश्चित करें.
केंद्र सरकार ने सेना में भर्ती की जो अग्निपथ योजना की शुरुआत की है उसमें 17.5 से लेकर 23 साल तक के युवाओं भर्ती हो सकते हैं. उन्हें अन्य सैनिकों की तरह सैलरी और भत्ते दिए जाएंगे. इसके अलावा अन्य सुविधाएं भी दी जाएगी. लेकिन छात्र 4 साल की बहाली का विरोध कर रहे हैं. छात्र योजना को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं