मंत्रिमंडल में हो रहे विस्तार के चलते मंत्रियों के फेरबदल का सिलसिला भी चल पड़ा है ।जहां कुछ सदस्यों को मंत्रिमंडल में वापस स्थान दिया गया तो वहीं कुछ मंत्रियों को पद से हटा दिया गया है। इसी कड़ी में भाजपा मंत्रिमंडल के सदस्य बाबुल सुप्रियो भी शामिल है ःबाबुल सुप्रियो ने बताया कि कैबिनेट विस्तार से पहले ही उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया था । अपने फेसबुक पोस्ट में बाबुल सुप्रियो ने लिखा, ‘हां मुझे इस्तीफा देने को कहा गया था, मैंने दे दिया है. मैं पीएम मोदी का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझे मंत्रिमंडल में शामिल करके देश की सेवा का मौका दिया.’
‘मुझे इस बात की खुशी है कि कार्यकाल में मेरे ऊपर कोई भ्रष्टाचार का दाग नहीं लगा. मैंने अपने लोकसभा क्षेत्र आसनसोल के लिए हरसंभव काम किया, जिसकी वजह से ही वहां की जनता ने मुझे 2019 में तीनगुना वोटों से जिताकर सांसद बनाया.बाबुल सुप्रियो का इस तरह से मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना उनके लिए दुख भरा रहा। उन्हें इस बात का दुख है कि उन्हें मंत्रिमंडल से हटा दिया गया। इसके बावजूद वे चुने गए नए सदस्यों को शुभकामनाएं एवं बधाई भी दे रहे हैं।
लेकिन वह कहते हैं कि वह अपने कार्यकाल से बहुत खुश रहे और कड़ी मेहनत और लगन के साथ अपना कार्यकाल पूरा किया। इस पूरे घटनाक्रम में चर्चा का विषय यह रहा कि बाबुल सुप्रियो द्वारा यह बयान दिया गया कि उनसे इस्तीफा मांगा गया लेकिन वास्तविकता यह है कि जब नए सदस्य चुने जाएंगे तो पुराने सदस्यों को तो स्वतः ही त्यागपत्र देना पड़ेगा। इस सिलसिले में जब मीडिया कर्मियों द्वारा उनसे संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने उसका कोई जवाब या रिस्पांस नहीं दिया। जिससे उनको लेकर कई तरह की बातें उठने लगी।
मीडिया द्वारा उनके इस रवैया को उचित नहीं ठहराया गया। इस पर बाबूल सुप्रिया ने कहा कि जहां आग होती है वहां धुंआ जरूर उठता है। उन्होंने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और जिसके लिए बाबुल सुप्रीयो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के बहुत आभारी हैं। जिन्होंने उन्हें इतने बड़े पद पर सेवा का अवसर दिया । अपने द्वारा दिए गए बयान पर वे कहते हैं कि वे माफी चाहते हैं कि उन्होंने ऐसा कहा कि उनसे इस्तीफा मांगा गया और उन्होंने इस्तीफा दे भी दिया।
ऐसा नहीं था कि सिर्फ और सिर्फ मंत्रिमंडल में बाबुल सुप्रियो द्वारा ही इस्तीफा दिया गया है। इसके अलावा भी अन्य मंत्रियों द्वारा भी इस्तीफे दिए गए। इनमें प्रमुखताः श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार, महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री देबश्री चौधरी ,केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, रसायन एवं उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ आदि भी शामिल है।
