भारतीय समाज एक पुरुष प्रधान समाज है.यहां महिलाओं की अपने पति बेटे या किसी ना किसी पुरुष के साथ ही रहना पड़ता है.भारतीय समाज की महिलाओं की स्थिति सदियों से सही नहीं है.महिलाओं को बस घर का काम करने वाली ओर बच्चो को जन्म देने वाली माना जाता है.समाज में महिलाओं को उनका हक नहीं दिया जाता है.महिलाओं के स्वास्थ्य पर भी कोई ध्यान नहीं दिया जाता है.महिलाओं की स्थिति पहले के समाज में दयनीय थी.कोई उनकी कोई रुचि राय जानने वाला नहीं थे.समाज में देखा गया है महिलाओं को उनके अधिकार पूरी तरह नहीं दिए जाते.भारतीय समाज में एक समय बेटी की बोझ समाज कर उसे मार दिया जाता था.इसके पीछे मुख्य कारण दहेज था.पहले समाज में देश के अभिशाप से ग्रस्त था जिसकी कीमत बेटियो की अपनी जान देकर चुकानी पड़ती थी.लेकिन जैसे जैसे भारतीय समाज में बदलाव आ रहा है.कई कुरीतियों को खत्म कर दिया गया है.
महिलाओं को अपने पाव की जूती समझा जाने लगा गया.भारतीय समाज में महिलाओं की स्थिति ना के बराबर मानी जाती है.लेकिन बदलते परिवेश और आजादी के बाद से महिलाओं की स्थिति में काफी सुधार हुआ.उनकी शिक्षा,उनका स्वास्थ्य उनकी जीवन यापन कि जिंदगी में काफी हद तक सुधार आया है.यह सुधार राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के संयोग एवं नीतियों से आया है.महिलाओं की जिंदगी में सुधार के लिए अनेक नीतियों और स्कीम को बनाया गया है.जिस से महिलाओं में शिक्षा का स्तर काफी बड़ा है.इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए मध्य प्रदेश ने एक स्कीम शुरू की थी.जिससे आज हजारी बालिकाओं को फायदा हुआ है.यह स्कीम मध्य प्रदेश की सरकार द्वारा 2007 में प्रारम्भ की गई थी..
यह योजना आज कई राज्यों में मध्य प्रदेश के तर्ज़ पर चल रही है.इस स्कीम का नाम लाडली लक्ष्मी योजना है.यह योजना लडकियो के भविष्य को सुरक्षित करने के लिहाज से आरम्भ की गई थी.यह यजोना बेटी के जन्म पर उसके विवाह तक की शिक्षा,स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति को निपटने में मदद करती है.महिलाओं में शिक्षा का स्तर बढ़ने के लिए मदद की जाती है.मध्य प्रदेश में जन्म लेने वाली लडकी को सरकार उसके बचत खाते में प्रति वर्ष 6000 रूपए जमा करती है जो 5 साल तक होते है.जब वह लड़की स्कूली शिक्षा में जाती है तो 8वी क्लास तक 2000 रूपए,10वी तक 4000,12वी तक 7500 रुपए जमा कराए जाते है.
.जब उस लड़की कि उम्र 18 साल हो जाती है तब तक सरकार उसके खाते में 1 लाख की राशि जमा कर देती है.लेकिन खास बात ये है कि यह राशि उसके विवाह पर ही दी जती है.यह योजना सिर्फ मध्य प्रदेश के निवासियों के लिए ही है.अगर लड़की द्वारा शिक्षा बीच मे छोड़ दी गई है तो वह योजना का लाभ नहीं उठा पाए.साथ ही उसके माता पिता ने परिवार नियोजन अपना लिया हो तो ही वह इस स्कीम के लिए नामांकन कर सकती है ।