दोस्तों बात जब दुनिया की है तो हमारे देश में भी कई राज्य ऐसे है जिसमे जैम कर सर्दी पड़ती है और ये कहना उचित नहीं होगा की सिर्फ वही के लोगो को यहाँ पर सर्दी लगती है,क्यों के मनाली,कश्मीर,हिमाचलप्रदेश,लेह-लद्दाख इतियादी जगह के लोग भी दूसरे राज्य जा कर के वहां की सर्दी सहन नहीं कर पाते है,क्यों के उन के राज्य की सर्दी और दूसरे राज्यों की सर्दी में काफी अंतर होता है,और अत्यधिक सर्दी वाले राज्यों के लोग अपनी खास तरह के कपड़ो और रूम को गर्म रखने वाला हीटर इस्तेमाल करते है,जो की उन्हें कही और नहीं मिल पता है,क्यों के दूरसे राज्यों के लोग सिर्फ 2 महीने की सर्दी के लिए वो इतने टॉम झाम नहीं करते है.अब हम अगर बात करे कनाडा की तो सम्पूर्ण श्रष्टि के रचियता ने सभी जगह के लोगों और जीव-जन्तुओ को भी वहां के वातावरण के साथ जीने का एक अलग ही शक्ति प्रदान की है,अब ये बात वही मान सकता है जो सम्पूर्ण श्रष्टि के रचियता में विश्वाश रखता हो,
कनाडा में दिसम्बर से लेकर अप्रैल तक तो बर्फ पड़ती है और आगे पीछे के २ महीने भी बहुत ठंडें होते हैं। तापमान -३० डिग्री तक चला जाता है। इस प्रकार तकरीबन ७ महीना तो अत्याधिक सर्दी ही रहती है।
जब भारतीय वहां रहने जाते हैं तो एक सीजन तो जरूर परेशानी होती है फिर अपने रहन सहन को बदल कर उस ठंड को सहने लायक बना लेते हैं।
इसका कारण है कि कनाडा में वातावरण के अनुसार हर जगह सेंट्रली हीटिड होती है।
घर भी ऐसे ही बने होते हैं जहां तक आपको अपने घर की पार्किंग में जाकर रुकना होता है। लेकिन भारत में कुछ भी ऐसा नहीं होता। कारों में हीटर्स चलाने की आदत नहीं है। सेंट्रली हीटिड कुछ भी नहीं है। ज्यादा हो तो हीटर कमरों में रख दिए जाते हैं। घरों और बाजार के सिस्टम ऐसे हैं जहां आपको ठंड में निकलना पड़ता ही है। तो भारत में अगर पारा ३ या ४ डिग्री तक पहुंच जाए या और नीचे चला जाए तो अधिक तर लोग सहन ही नहीं कर पाते हैं या बीमार हो जाते हैं।
