भारत करीब 4000 किमी लंबी एलएसी पर चीनी सैनिकों की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए छह सैटेलाइट तैनात कर सकता है,भारतीय सुरक्षा एजेंसियाें ने 4 से 6 सैटेलाइट की जरूरत बताई है,ताकि सीमा पर चीन की किसी नापाक चाल को रोका जा सके.रक्षा सूत्रों के मुताबिक, भारतीय क्षेत्र और गहराई वाले इलाकों में चीनी सैनिकों और उनकी छोटी सी छोटी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ऐसे समर्पित सैटेलाइट की आवश्यकता है,जिनमें हाई रिजोल्यूशन वाले सेंसर और कैमरे हों और जिनमेें करीब से निगरानी रखने की क्षमता हो.
एजेंसियों को चीन की सैन्य गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए उपग्रह की जरूरत तब महसूस हुई जब चीन की सेना ने शिनजियांग में एलएसी के अपने पक्ष पर 40 हजार सैनिकों के साथ अभ्यास शुरू कर दिया,ये सैनिक घातक हथियारों और गोला बारूद से लैस हैं और भारतीय क्षेत्र के नजदीक हैं.समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार ये चीनी सैनिक लेह में कई स्थानों पर भारतीय क्षेत्र में भी घुस आए थे.इसमें 14 कॉर्प्स मुख्यालय भी शामिल है.
एएनआई के अनुसार रक्षा सूत्रों ने इस संबंध में कहा, ‘भारतीय सीमा के पास और उनके गहराई वाले इलाकों में चीनी सैनिकों और बलों की गतिविधियों पर और मजबूती से नजर रखने के लिए बहुत हाई रेजॉल्यूशन सेंसर और कैमरा से लैस चार से छह उपग्रह की जरूरत है.जिससे उनकी हर छोटी से छोटी गतिविधि पर भी पूरी नजर रखी जा सके.इससे देश को चीन पर नजर रखने के लिए विदेशी सहयोगियों पर निर्भरता कम करने के साथ अन्य विरोधियों को साधने में भी मदद मिलेगी.
सूत्रों ने कहा कि भारतीय सैन्य बलों के पास पहले से ही कुछ सैन्य उपग्रह हैं जिनका इस्तेमाल विरोधियों पर करीबी निगाह रखने में किया जा रहा है लेकिन इस क्षमता को और मजबूत करने की जरूरत है.फिलहास, चीनी सैनिक पैंगॉन्ग त्सो झील क्षेत्र के पास फिंगर क्षेत्र में भारतीय इलाके में मौजूद हैं और वहां से पूरी तरह वापस जाने को तैयार नहीं हैं.इसके साथ ही वह गोगरा इलाके में फिंगर 5 पर निरीक्षण चौकी का निर्माण करना चाहते हैं। वह इस पर काम भी कर रहे हैं.
चीन की गतिविधियों पूरी तरह स्पष्ट न होने की वह से भारतीय पक्ष को लद्दाख में अपनी संख्या बढ़ाने में समय लगा और आस-पास के इलाकों से अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा.चीन ने इसी तरह का निर्माण कार्य एलएसी पर हिमाचल प्रदेश,उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के सामने भी किया है.लेकिन, वहां चीनी सैनिक गहराई वाले इलाकों में हैं.लद्दाख में रक्षा मंत्रालय ने अब स्वीकार किया है कि चीनी सैनिक कई स्थानों पर भारतीय सीमा में मौजूद हैं.
बता दें कि यह विवाद पांच मई को चीन ने शुरू किया था जब गलवां घाटी में उसके सैनिक बड़ी संख्या में घुस आए थे और एलएसी की स्थिति बदलने का प्रयास किया था.हालांकि, भारतीय बलों ने उनकी इस कोशिश को नाकाम कर दिया था.इसके बाद स्थिति 15 जून को गलवां घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद और बिगड़ गई थी,जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. चीनी पक्ष के सैनिक भी हताहत हुए थे,लेकिन उसने अभी तक इस संबंध में कोई जानकारी साझा नहीं की है.