बॉलीवुड इंडस्ट्री अपनी चकाचौंध की दुनिया के लिए जाना जाता है.लेकिन इस चकाचौंध के पीछे कई बड़े राज शामिल है.जिनका खुलासा आज तक नहीं हुआ है.वे राज को दफन करने में बॉलीवुड इंडस्ट्री की चमचमाती दुनिया है.यह की चमक को देखकर हर कोई मोहित हो जाता है लेकिन इसके पीछे के अंधेरे को कोई नहीं देखता है.जब बॉलीवुड इंडस्ट्री के ऐसे ही कुछ राज का खुलासा होता है और वे खबरों के माध्यम से जब बाहर आते है तो सबको विश्वास नहीं होता है.सबकी आंखें फटी रह जाती है.
आज आपको एक ऐसे ही राज के बारे बताएंगे जिसमे मात्र 13 साल की उम्र में बॉलीवुड की अभिनेत्री राजा की करतूत से गर्भवती हो जाती है.बताते पूरा इसके बारे में.उस अभिनेत्री का नाम बेगम अख्तर.अपने गायन शैली से पूरे भारत मे फेमस हुई है.उन्हे फिल्म में प्रसिद्ध अख्तरी बाई फैजाबादी के नाम से फेमस हुई.उनकी गायन शेली में दादरा ठुमकी ओर गजब में बेहतरीन महारत हासिल थी.उन्होंने भारतीय गायन शैली को एक नया आयाम दिया है.उनके कला क्षेत्र में बेहतरीन योगदान के कारण भारत सरकार ने पदम श्री दिया था.जब उनकी मृत्यु हो गई तो मरणोपरांत 1975 में पदम भूषण से सम्मानित किया
गायन क्षेत्र के सबसे बड़े पुरस्कार “मल्लिका ए ग़ज़ल” से नवाजा गया था.अपनी गायन कला के सुर बॉलीवुड की कुछ फिल्मों में भी बिखेरे थे.बेगम अख्तर का बचपन का नाम बीबी था.उनका पढ़ाई लिखाई में मन कम लगता था.उसे अपने गायन शैली में बेहतरीन करना था.पूरा दिन अपनी गायक शेली को सुधारने का प्रायस करती रहती थी.बेगम अख्तर के पिता का नाम असगर हुसैन था जो पैसे से फैजाबाद के नामी वकील है.उनकी माता का नाम मुस्तरीबाई था.जो गायन कला मे निपुण थी.
अपने गायन शैली के कि उन्होंने उर्दू को अच्छे से सीखा था.मात्र सात वर्ष की उम्र में गाना शुरू कर दिया.अपने कला के लिए कई संगीत उस्तादों से शिक्षा ग्रहण कि.मात्र 13 वर्ष की उम्र में अपने गायन कला के दम पर उन्हें अख्तरी बाई के नाम से प्रसिद्ध हुई.बिहार के राजा ने अख्तरी बाई का धोके से गलत काम कर दिया.इससे अख्तरी बाई मात्र 13 साल की उम्र में गर्भवती हो गई.इस कच्ची उम्र में उन्होने बेटी सन्नो उर्फ शमीमा को जन्म दिया था.दुनिया के लाज लज्जा के डर से उस बच्ची को अपनी छोटी बहन बताती थी.
जब दुनिया को इस सच्चाई के बारे में पता चला तो हर कोई हैरान था.अख्तरी बाई ने 1939 में जाने माने वकील बैरिस्टर इश्तियाक अहमद अब्बासी से शादी कर ली थी.”मल्लिका ए ग़ज़ल” अपने गायन शैली को करते हुए 30 अक्टुबर 1974 में तबियत खराब हो गई थी.भारत की रत्न अस्पताल में हार्ड अटैक से दुनिया से रुखसत हो गई.