भारत एक ऐसा देश है जहां परंपराओं को बहुत मान दिया जाता है। यहाँ पुनर्विवाह को इतना बढ़ावा नही दिया जाता है। और अगर कोई दुबारा विवाह के लिए सोचता है या पुनर्विवाह करता है तो उसे पूरे समाज के सवालों का जवाब देना पड़ता है। पूरा समाज उसके विरुद्ध खड़ा हो जाता है। आज हम आपको एक ऐसे ही पुनर्विवाह के बारे में बताने जा रहे हैं। इस पुनर्विवाह ने सभी के दिल को जीत लिया है। यह मामला जोधपुर का है जहां एक बेटी ने अपनी माँ का पुनर्विवाह करवाया है।
आज के दौर में भी एक महिला के लिए पति के निधन के बाद दुबारा शादी करना बेहद ही मुश्किल है। वो भी जब महिला माँ हो तो उसके लिए यह और भी कठिन हो जाता है। पर जोधपुर की एक बेटी ने यह कठिन काम करके दिखा दिया है। इस बारे में उस बेटी का कहना है कि, हम बच्चों को सम्हालने और हमारे दुख को कम करने के लिए तो हमारी माँ है हमारे साथ, पर माँ का दुख बांटने उनको सहारा देने वाला भी तो कोई होना चाहिए। जिनका पुनर्विवाह हुआ है उन महिला का नाम गीता है, और वो पेशे से एक शिक्षिका है।
साल 2016 में गीता जी के पति का निधन हार्ट अटैक के कारण हुआ था,तब से इन सभी की जिंदगी एकदम बदल गई थी। गीता की बेटी ने उनका बहुत खयाल रखा, कभी उन्हें अकेला नही छोड़ा। और इसी दौरान उनसे अपनी माँ का पुनर्विवाह करवाने का फैसला ले लिया।
कुछ समय बाद गीता की बेटी ने उनका परिचय एक अच्छे व्यक्ति स करवाया। धीरे धीरे इन दोनों की आपस मे जान पहचान बढ़ गई। तब उनकी बेटी ने दोनो के सामने शादी की बाद रखी। दोनो ही राजी हो गए। और अब इस बेटी की वजह से गीता को नई जिंदगी मिल गई है।