झाबुआ कलेक्ट्रेट में कलेक्टर को चैलेंज करके मशहूर हुईं लड़की निर्मला का एक वीडियो सामने आया है जहां वह और उसके साथ एक और लड़की किराना दुकान पर चोरी करते हुए दिख रहे हैं.इस वीडियो में निर्मला के साथ आई लड़की दुकान से चॉकलेट का डिब्बा चोरी करते हुए दिख रही है.यह पूरी घटना दुकान में लगे हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई.वहीं दुकानदार ने बताया कि उन्हें इस घटना की जानकारी सीसीटीवी कैमरे में वीडियो देखने के बाद ही हुई.दुकानदार ने व्हाट्सअप ऐप पर वीडियो शेयर कर व्यापारियों को सतर्क रहने को कहा है पर थाने में अभी कोई शिकायत नहीं की है.उन्होंने यह भी कहा कि लड़कियां पढ़ने-लिखने वाली हैं उन्हें कम से कम ऐसा काम नहीं करना चाहिए.
रिपोर्टर ने जब इस मसले पर वायरल गर्ल निर्मला से शेयर हो रहे वीडियो के संबंध में जब सवाल किए तो लड़की ने कहा कि चोरी कर रही लड़की को मैं नहीं जानती वह कुछ दिन पहले ही पास की कमरे में रहने आई थी.जब उसने इस घटना के बारे में मुझे बताया तो मैंने उसे समान वापस लौटाने को कहा था पर उसने कहा कि दुकानदार के पास मेरे कुछ पैसे बाकी हैं मेरे बार-बार मांगने के बाद भी नहीं दे रहा इसलिए मैंने उसके दुकान से समान उठा लिया.
रिपोर्टर ने इस बेबाक लड़की से बातचीत की, तो उसने कहा- मैं आर्मी में जाना चाहती हूं.मुझे सच बोलना पसंद है. यही सोचती रहती हूं कि अपनी बात कैसे दूसरे के सामने रखूं ? दिमाग में हर समय यही चलता है.सिस्टम की लचर व्यवस्था के खिलाफ शुरू से ही गुस्सा है.पहले ये गुस्सा कम था.अब बढ़ने लगा है.मेरे पास मोबाइल नहीं है. हम 7 भाई-बहन हैं.आर्मी पसंद है, इसलिए आर्मी में जाकर देश सेवा करना चाहती हूं.
सर, हमें कलेक्टर बना दो.हम कलेक्टर बनने को तैयार हैं.आप मांगें पूरी नहीं कर पा रहे हैं.हम सबकी मांगें पूरी कर देंगे.हम भीख मांगने नहीं आए.सरकार किसके लिए बनी है.बसों में किराया खर्च कर यहां तक आते हैं.हम आदिवासियों के लिए कुछ तो करो.ये तीखे तेवर हैं झाबुआ पीजी कॉलेज में पढ़ने वाली फर्स्ट ईयर की निर्मला के.
अपनी अलग-अलग समस्याओं को लेकर पीजी कॉलेज के छात्र- छात्राएं एनएसयूआई की अगुवाई में सोमवार को कलेक्टर सोमेश मिश्रा को ज्ञापन देने पहुंचे थे.कलेक्टर के ज्ञापन लेने नहीं आने पर स्टूडेंट्स का सब्र टूट गया.उन्होंने हंगामा कर दिया.छात्राओं ने भी नारेबाजी की.निर्मला ने कहा कि हम अपनी समस्याएं लेकर दूर-दूर से आए हैं.कलेक्टर सर के पास उनसे मिलने का समय नहीं है.इसका वीडियो अब सामने आया है.निर्मला ने भास्कर ने बात करते हुए कहा कि सच्चाई की आवाज दूर तक जा रही है.मैं जिंदा हूं, तब तक बोलती रहूंगी, चुप नहीं बैठूंगी.राजनीति भी करूंगी, चाहे मुझे कोई इनाम मिले या न मिले.मेरे कमरे से कॉलेज 3 किमी दूर है.रोज पैदल जाती हूं.मुझे पैदल चलने में दिक्कत नहीं है,लेकिन दूसरों के लिए आवाज उठाई थी.
निर्माला आलीराजपुर जिले के खंडाला खुशाल गांव की है.निर्मला आदिवासी किसान परिवार से ताल्लुक रखती है.वह 7 भाई-बहन हैं.उसका सपना आर्मी में जाने का है.निर्माला का कहना है कि पिता खेती करते हैं और परिवार गरीब है.इतना कि मेरे पास मोबाइल तक नहीं है.इसी साल बीए फर्स्ट इयर में गर्ल्स कॉलेज झाबुआ में प्रवेश लिया.मुझे सच बोलना शुरू से पसंद है.पूरी कोशिश करती हूं और हमेशा सोचती हूं कि अपनी बात को कैसे रखूं.दिमाग में हर समय यही चलता है.मुझमें व्यवस्था को लेकर पहले से गुस्सा है, लेकिन पहले कम था, अब बढ़ रहा है.
कलेक्टर का रवैया देखकर गुस्सा आ गया.न आवास राशि मिल रही, न छात्रवृत्ति और न दूसरी सुविधाएं.कलेक्टर ने आकर हमसे बात तक नहीं की.अभी एनएसयूआई की गर्ल्स कॉलेज की महासचिव हूं.मेरा वीडियो वायरल हुआ तो अच्छा लग रहा है.
