तालिबान ने रविवार 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया. तालिबान के काबुल पर कब्जा करने और देश में जारी अराजकता के कारण अपनी जान बचाने के लिए लोग बड़ी संख्या में पलायन कर रहे हैं. लेकिन वहीं काबुल में रतन नाथ मंदिर के पुजारी पंडित राजेश कुमार ने अपनी जान बचाने के लिए काबुल से भागने से इनकार कर दिया हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुखपत्र ऑर्गनाइजर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान की राष्ट्रीय राजधानी काबुल स्थित रतन नाथ मंदिर के पुजारी पंडित राजेश कुमार ने अपनी जान बचाने के लिए शहर छोड़कर भागने से इनकार कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट में छपी खबर के अनुसार राजेश कुमार का कहना है कि उन्हें कई हिंदुओं ने काबुल छोड़ने के लिए कहा. वह पुजारी के रहने, खाने और यात्रा की व्यवस्था भी करने की पेशकश कर रहे थे लेकिन राजेश कुमार ने उनके साथ जाने से इनकार कर दिया.राजेश कुमार ने कहा, ‘मेरे पूर्वजों ने सैकड़ों वर्षों तक इस मंदिर की सेवा की। मैं इसे नहीं छोड़ूंगा. अगर तालिबान मुझे मारता है, तो मैं इसे अपनी सेवा मानता हूं.’ गौरतलब है कि अफगानिस्तान में अब तालिबान का नियंत्रण हो चुका है. देश के अल्पसंख्यक अपनी जान बचाने के लिए दूसरे शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं. काबुल समेत कई शहरों में अफरातफरी का माहौल है, लोग किसी भी तरह देश से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं.
वही एक मीडिया रिपोर्ट में मिली जानकारी के अनुसार विप्र सेना प्रमुख सुनील तिवारी ने भारत सरकार से मांग करते हुए कहा था कि काबुल में रत्ननाथ मंदिर के पुजारी राजेश कुमार शर्मा को भारत लाया जाए. उन्होंने कहा कि पुजारी के भारत आने के बाद उनके लिए यहां पर एक मंदिर की स्थापना की जाएगी, जिससे उनका जीवन यापन सही से हो. मंदिर निर्माण में जो भी समय लगेगा उस दौरान राजेश शर्मा समस्त प्रकार की सुविधाएं निशुल्क विप्र सेना के द्वारा दी जाएगी.अफगानिस्तान में तालिबान के खौफ के चलते एयरपोर्ट और बॉर्डर पर लोगों की भीड़ जमी हुई है. सोमवार देर शाम भारत में भी एक स्पेशल विमान भेजकर 400 से ज्यादा नागरिकों को एयरलिफ्ट किया। काबुल से भी लोगों को निकालने का काम तेजी से जारी है.राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर जा चुके हैं और बाकी नेता अपनी जान बचाने के लिए दूसरे देशों में शरण ले रहे हैं. तालिबान ने हालांकि युद्ध खत्म करने का ऐलान कर दिया है, लेकिन अभी भी काबुल से लूटपाट और हिंसा की खबरें आ रही हैं. भारत ने अफगानिस्तान के हालात पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चिंता व्यक्त की है.मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि भारत अफगानिस्तान में छोटे सिख और हिंदू समुदाय की भारत वापसी में मदद करेगा. बागची ने कहा था, ‘हम अफगान, सिख और हिंदू समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ लगातार संपर्क में हैं. हम उन लोगों को भारत वापसी की सुविधा देंगे, जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं.’