कृषि कानूनों पर सरकार और किसानों के बीच आज वार्ता होनी है। कृषि कानून को लेकर जारी आंदोलन के बीच मध्य प्रदेश से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। मध्य प्रदेश के हरदा जिले में एक कंपनी ने करीब दो दर्जन किसानों के साथ फसल का समझौता किया, लेकिन बाद में बिना भुगतान किए हुए फरार हो गए।
खबरों की माने तो दो दर्जन किसानों से कंपनी ने पहले मसूर-चना के लिए करीब 2 करोड़ रुपये का समझौता किया और बाद में इन किसानों को चूना लगाकर फरार हो गया।
दरअसल, हरदा के देवास में 22 किसानों ने खोजा ट्रेडर्स से समझौता किया था. लेकिन जब भुगतान का वक्त आया तो ट्रेडर्स का पता ही नहीं लगा। किसानों को शक उस समय हुआ जब उन्होंने कंपनी द्वारा दिए गए चेक का भुगतान कराने बैंक गए। कंपनी द्वारा दिया गया चेक बाउंस कर गया। जब किसानों ने ट्रेडर्स का पता लगाया तो मालूम चला कि तीन महीने के अंदर ही उन्होंने अपनी कंपनी का रजिस्ट्रेशन खत्म कर दिया है। अब इस मामले में खातेगांव पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई गई है, जबकि प्रशासन को लिखित शिकायत दी गई है।
किसानों का दावा है कि आसपास के इलाकों में करीब 100-150 किसानों के साथ इस तरह की घटना हुई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, किसानों ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में कहा है कि खोजा ट्रेडर्स के दो भाइयों ने अपना लाइसेंस दिखाकर हमसे फसल ले ली और पैसे देने की बात कही। लेकिन जब पैसा नहीं आया, तो उन्होंने मंडी में संपर्क किया और वहां पता लगा कि अब उनका रजिस्ट्रेशन ही नहीं है
रजिस्ट्रेशन और शिकायत पर विवाद है जारी
ऐसा मामला सामने आने के बाद अब कृषि कानून के दो प्रावधानों पर ध्यान जाने लगा है, जिसमें प्राइवेट मार्केट में रजिस्ट्रेशन और विवाद को सुलझाने का मसला है. नए कृषि कानूनों के तहत किसान-कंपनी का समाधान SDM करा सकता है. आंदोलन कर रहे किसान भी इन दो मुद्दों पर विरोध कर रहे हैं, जिनमें प्राइवेट ट्रेडर्स के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया मजबूत हो और कोई विवाद होने पर स्थानीय कोर्ट में जाने का रास्ता मिल सके.
संयुक्त कलेक्टर बोले- उचित कार्रवाई की जाएगी संयुक्त कलेक्टर श्यामेंद्र जायसवाल ने कहा कि नए कानून के तहत एसडीएम प्राधिकृत अधिकारी है, उनके द्वारा मामले में कार्रवाई की जाएगी.
