तारक मेहता का उल्टा चश्मा टीवी का सबसे पॉपुलर कॉमेडी शो, इस शो नटू काका का रोल करने वाली घनश्याम सामने अभिनेता दिलीप कुमार को श्रद्धांजलि देते हुए. दिलीप कुमार से जुड़ा हुआ एक किस्सा बताया है. 7 जुलाई 2021 की सुबह हम सब कभी नहीं भूल सकते. किसी दिन 98 साल के दिलीप कुमार दुनिया को अलविदा कह गए. हर कोई दिलीप कुमार को याद कर रहा है. और दिलीप कुमार को भुला पाना भी आसान नहीं है.
दिलीप कुमार ने अपने फिल्मी करियर में कई सुपरहिट फिल्में दी है. और अपनी फिल्मों से लाखों लोगों को प्रेरित किया है. दिलीप कुमार ने भी अपने जीवन में बहुत उतार-चढ़ाव देखें. और फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने के लिए दिलीप कुमार ने बहुत संघर्ष किया है.तारक मेहता शो के नटू काका यानी कि घनश्याम ने बताया कि मैं दिलीप कुमार बहुत बड़ा फैन हूं. और मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मैं दिलीप कुमार के साथ में काम कर चुका हूं. वे लोग किस्मत वाले हैं जिन्होंने दिलीप कुमार के साथ में काम किया है.
मुझे भी ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार के साथ काम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. इसलिए मैं उनसे मिलने के लिए उनके घर गया. जब पहली बार मैं दिलीप कुमार से मिला मुझे आज तक वह पल याद है और मैं शायद कभी उस पल को भुला नहीं पाऊंगा. दिलीप कुमार उस समय एक शो को प्रोड्यूस कर रहे थे. इसलिए ट्रेजेडी किंग ने मुझे अपने घर पर बुलाया था. मैं अभिनेता दिलीप कुमार से मिलने के लिए बहुत उत्साहित था.मेरी खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं था. यह मेरे लिए बहुत खुशी की बात है कि उन्होंने मुझे बुलाया.
जरा देखो तो इनका कमाल शो को दिलीप कुमार प्रोड्यूस कर रहे थे. और इस शो में सर्वेंट का रोल करने वाले व्यक्ति की जरूरत थी.इस शो की कहानी अहमद नकवी ने लिखी है. और दिलीप कुमार ने मुझे सर्वेंट का रोल करने के लिए अपने घर बुलाया था.नटू काका यानी कि घनश्याम ने बताया – राइडर अहमद नकवी मेरे बारे में दिलीप कुमार ने बताया. और सर्वेंट के रोल करने के लिए मेरा नाम दीया. और कहा कि नौकर का रोल करने के लिए मैं बिल्कुल सही हूं.
जब मैं दिलीप कुमार के घर गया तो उस समय शो की शूटिंग चल रही थी. उन्होंने मुझे दूर से ही पहचान लिया और बोले आओ घनश्याम. तुम्हारा ही इंतजार कर रहे थे. उनकी बात सुनकर मैं बहुत ज्यादा खुश हुआ. फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार दिलीप कुमार अपनी बातों से कुछ ही पलों में अपना बना लेते हैं. दिलीप साहब मुझे अपने साथ गार्डन में ले गए. और मुझे क्या करना है उस बारे में बताने लगी.मुझे एक दोस्त की तरह समझाने लगे. उन्होंने कहा कि तुम्हें एक्टिंग नहीं करनी है. जैसे हो वैसे ही बात करो. इस तरह रोल करने के लिए तुम्हें किसी प्रकार की मेहनत की जरूरत नहीं है. तुम जैसे हो वैसे ही इस रोल को पूरा करो.
मैंने जल्दी से इस काम को पूरा किया. और मेरा अभिनय देखने के बाद उन्होंने मेरी बहुत तारीफ की. और कहां तुमने बहुत अच्छा काम किया है. यह लो तुम्हारी मेहनत की कमाई. लेकिन अभी तुम यहां से नहीं जा सकते. पहले तुम हमारे साथ बैठकर खाना खाओ. मैं भूख लगी होगी तुम कब से यहां बैठे हो. इस बातों को सुनकर मेरी आंखों में आंसू आने ही वाले थे.
लेकिन मैंने दिलीप साहब से कहा मैं अभी खाना नहीं खा सकता. उन्होंने मुझे खाने के लिए बहुत बार कहा. पर मैंने इसके लिए माफी मांगी और वहां से चला गया. दिलीप कुमार एक अच्छे अभिनेता के साथ बहुत अच्छे इंसान भी हैं आज मैंने देख लिया. दिलीप कुमार के इस दुनिया से जाने से मैं बहुत दुखी हूं. मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि मैंने किसी अपने को खो दिया. मैं अपने दर्द को शब्दों में बयां करने में भी असमर्थ हूं.