टोयोटा की इस कार का नाम ‘मिराई.मिराई’ एक जापानी शब्द है, जिसका मतलब भविष्य होता है. हाइड्रोजन ईंधन को अब भविष्य का ईंधन माना जा रहा है. भारत बड़ी मात्रा में पेट्रोल-डीजल आयात करता है, ये ईंधन महंगे तो हैं ही, इनसे प्रदूषण भी बहुत होता है, जबकि ग्रीन हाइड्रोजन काफी सस्ती गैस है, इसके जरिये प्रति किलोमीटर सिर्फ 2 रुपये का खर्च आयेगा.नितिन गडकरी ने हाल ही में भारत का पहला हाइड्रोजन आधारित एडवांस्ड फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहन टोयोटा मिराई को लॉन्च किया था. कंपनी का दावा है कि इस कार में सिर्फ पांच मिनट में ईंधन भरा जा सकता है.
ये कार एक बार टैंक फुल होने पर 646 किमी तक की दूरी तय कर सकती है. नितिन गडकरी ने हाल ही में टोयोटा मिराई फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक कार की खासियतों के बारे में एक वीडियो साझा किया था,जिसमें इस कार की खूबियों के बारे में बताया गया है.ग्रीन हाइड्रोजन पारंपरिक ईंधन का एक विकल्प है,जिसे किसी भी वाहन पर इस्तेमाल किया जा सकता है.ग्रीन हाइड्रोजन ईंधन मध्यम से लंबी दूरी की यात्रा के लिए काफी भरोसेमंद मानी जा रही है.ग्रीन हाइड्रोजन एक शून्य-उत्सर्जन ईंधन है.इसका मतलब यह है कि इससे कोई प्रदूषण नहीं होगा.यात्रा के दौरान पानी के अलावा कोई उत्सर्जन नहीं होगा.
कार में हाइड्रोजन भरने में 3 से 5 मिनट का समय लगेगा,जितना पेट्रोल भरने में लगता है.हाइड्रोजन से चलने वाली कार में, गैस को एक हाई-प्रेशर टैंक में स्टोर किया जाता है.फिर इसे बिजली पैदा करने के लिए फ्यूल सेल में भेजा जाता है.हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के बीच प्रतिक्रिया से बिजली पैदा होती है और यही वाहन के लिए फ्यूल का काम करता है.
Green Hydrogen ~ An efficient, ecofriendly and sustainable energy pathway to make India ‘Energy Self-reliant’ pic.twitter.com/wGRI9yy0oE
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) March 16, 2022
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी वैकल्पिक ईंधन की वकालत करते रहे हैं और अब उन्होंने यह दिखाया है कि ईंधन का भविष्य हाइड्रोजन है. ग्रीन हाइड्रोजन को लेकर सरकार एक बड़ा मिशन शुरू कर रही है. गडकरी ने कहा, ‘आत्मनिर्भर’ बनने के लिए, हमने ग्रीन हाइड्रोजन को पेश किया है जो पानी से पैदा होता है. यह कार पायलट प्रोजेक्ट के तहत आयी है.अब देश में ग्रीन हाइड्रोजन का निर्माण शुरू होगा और रोजगार के नये मौके पैदा होंगे.टोयोटा किर्लोस्कर मोटर और इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी ने यह अध्ययन करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है कि टोयोटा मिराई भारतीय सड़कों और जलवायु परिस्थितियों के लिए कितनी उपयुक्त है.
