आज का दौर टेक्नोलॉजी का दौर है.विज्ञान द्वारा बढ़ते दायरे में मानव जीवन के लिए वरदान साबित हो रहे है.असाध्य रोगियों का इलाज भी विज्ञान की नई तकनीक से संभव हो पाया है.विज्ञान के दौर में सबसे ज्यादा फायदा चिकित्सा विज्ञान को हो रहा है.चिकित्सा विज्ञान में टेक्नोलॉजी एक अवसर साबित हो रही है.मानव जीवन को अधिक खुशाल ओर सशक्त बनाने में चिकित्सा विज्ञान का नई नई खोज का हाथ है.नई नई खोज से चिकित्सा विज्ञान शरीर की आंतरिक सरचना ओर उनकी बनावट आदि को अच्छे से समझने में फायदा हुआ है.
चिकित्सा विज्ञान लगातार अपने आप को इतना मजबूत कर रही है कि मानव शरीर के जिन में परिवर्तन कर सकती है.लेकिन ये तकनीक मानव जीवन के लिए खतरा साबित हो सकते है.क्योंकि अगर मानव जीवन में विज्ञान द्वारा प्रकृति के नियम को चुनौती पेश की गई तो उसके दुष्प्रभाव अधिक हानिकारक हो सकते है.हाल में विज्ञान की तकनीक का एक बेहद सुंदर उपयोग देखने को मिला.सालो से जिस खुशी की आस लगाए दंपति इंतजार कर रहे थे वो खुशी 54 साल बाद नसीब हुई.यह मामला आंध्र प्रदेश के गुंटूर शहर का है.
वहा एक 74 साल की महिला ने 2 जुड़वा बच्चों को जन्म दिया.इसके साथ ही अधिक उम्र में मा बनने का भी रिकॉर्ड बना दिया.यह महिला का नाम मंगायम्मा है.इसकी शादी आज से 54 साल पहले हुई थी लेकिन उनको कोई बच्चा नहीं हुआ.जिंदगी में खुशियां खत्म ही हो गई थी.जिस तकनीक से ये बच्चा हुआ है उसे आईवीएफ तकनीक कहते है.पूरी डॉक्टर की टीम बच्चा ओर मा की स्वास्थ्य का खयाल रखती है.महिला के पति वाई राजा राव ने है.
आईवीएफ का अपनी पत्नी को बताया था.दोनो पति पत्नी काफी खुश दिख रहे है.सालो बाद उनके घर में खुशियां की तालियां बजीं है.महिला ने नर्सिंग होने में ऑपरेशन से जनन संभव हुआ. बच्चा ओर मा दोनो ही स्वस्थ है.आपको बता दे इस से पहले अधिक उम्र में बच्चे के जन्म का रिकॉर्ड पंजाब की दलजिंदर कोर के पास था.उन्होने 72 साल की उम्र में बच्चे को जन्म दिया था ।