दोस्तों जहाँ एक तरफ सरकार गरीब लोगों को उच्च स्तरीय खाद्य प्रदार्थ मुहैया करवाने का दावा करती है और दूसरी तरफ कुछ निम्न स्तरीय के लोग इन गरीबो के साथ ऐसा घटिया काम करते है की सम्पूर्ण मानव जाती भी शर्मिंदा हो उठे
सहारनपुर यह घटना राशन वितरण प्रणाली की पोल खोल देगी। सहारनपुर में एक राशन डीलर ने बांटने के लिए जैसे ही सरकारी गोदाम से आया गेहूं का कट्टा खोला तो उसके अंदर से जो निकला उसे देखकर सभी हैरान रह गए। इस कट्टे के अंदर से मिट्टी चोकर और सड़े हुए गेहूं का काला मिश्रण निकला। राशन लेने के लिए राशन डीलर की दुकान पर पहुंचे राशन कार्ड धारक भी कट्टे के अंदर से निकले सड़े हुए गेहूं को देखकर हैरान रह गए। मामला सहारनपुर के सरसावा क्षेत्र के गांव शाहजहांपुर का है। इसी गांव में नरेश कुमार की सस्ते गल्ले की, यानि राशन आपूर्ति की दुकान है। मंगलवार को वह राशन बांट रहे थे इस दौरान उन्होंने सरसावा के गोदाम से आए गेहूं के कट्टे को खोला तो अंदर से काले रंग का मेटेरियल निकला। इसमें मिट्टी चोकर और कुछ सड़े हुए गेहूं थे
इस पर राशन डीलर ने ठेकेदार को पूरी जानकारी दी और आपूर्ति निरीक्षक को भी घटना के बारे में बताया। सीलबंद कट्टे से मिट्टी और सड़ा हुआ गेहूं निकलने के बाद राशन विक्रेता ने दूसरे कट्टे खोल कर देखे तो उनमें भी सड़े हुए गेहूं निकले हैं। ऐसा ही एक मामला सरसावा ब्लाक क्षेत्र के गांव भोजपुर गुर्जर में सामने आया है। इस गांव में अमरीश नाम के व्यक्ति की राशन वितरण की दुकान है और इसके यहां भी चार कट्टों में मिट्टी और सड़े हुए गेहूं निकले हैं। एसोसिएशन के प्रवक्ता भुवनेश्वर दीक्षित का कहना है कि यह पहली घटना नहीं है। ऐसा पहले भी हो चुका है। खराब राशन और कम राशन अक्सर राशन डीलर के यहां पहुंचता है जिसकी पूर्ति खुद राशन डीलर को करनी पड़ती है और उसका खामियाजा भी राशन डीलर को ही भुगतना पड़ता है। इस मामले में पूछने पर क्षेत्रीय विपणन अधिकारी अरुण दत्त शर्मा ने सफाई दी है कि राशन डीलर अगर शिकायत करते हैं और खराब राशन चला गया है तो उसको बदलवाने का प्रावधान है खराब गेहूं को बदलवाया जाएगा
