आपको बता दें बॉलीवुड फिल्मी दुनिया की जानी मानी हस्ती राजेश खन्ना को लोग आज भी याद करते हैं उनकी अदाकारी और उनकी खूबसूरती और उनके हैंडसम होने के कारण. उनका अभिनय आज भी लोगों के दिलों पर छाया हुआ है. उस जमाने में लोग राजेश खन्ना के दीवाने के खास तौर पर लड़कियां तो उनके अंदाज पर मर मिटती थी.वही आपको बता दें उनकी गाड़ी की धूल से लड़कियां अपनी मांग भरा करती थी. इसी तरह का एक किस्सा और है जब उनसे मिलने कॉलेज की लड़कियां अपने प्रिंसिपल के साथ आई थी.उनसे मिलने के बाद राजेश खन्ना के कपड़ों का हाल है ऐसा हो गया था कि उस दिन उस सीन की शूटिंग कैंसिल करनी पड़ी थी.
.जूनियर महमूद यानी नईम सय्यद है जिन्होंने राजेश खन्ना के साथ बहुत सी फिल्मों में काम किया है इस घटना का जिक्र अपने एक इंटरव्यू में किया था.आपको बता दें फिल्म कटी पतंग में जूनियर महमूद राजेश खन्ना के साथ अभिनय कर रहे थे एक दिन सेट पर सूट पहने हुए एक व्यक्ति आया और उसने निर्देशक शक्ति सामंत से राजेश खन्ना की शूटिंग में आने की इजाजत मांगी जूनियर महमूद ने बताया कि वह किसी कॉलेज के प्रिंसिपल तेजो अपनी कॉलेज की लड़कियों को राजेश खन्ना की शूटिंग दिखाना चाहते थे.
इंडिया ओस्क नामक मीडिया प्लेटफॉर्म से बातचीत में जूनियर महमूद ने बताया था अगले दिन हम बाहर खड़े होकर बातें कर रहे थे कुछ देर बाद चीख-पुकार की आवाज आने लगी 25,30 लड़कियों चीख रही थी बस में आगे प्रिंसिपल बैठे थे वह उत्तर के आए वह अपने साथ फोटोग्राफर भी लाए थे. राजेश खन्ना ने शानदार सूट पहना हुआ था जूनियर महमूद ने आगे बताया था फिर जो लड़कियां आकर लिफ्टिंग काका जी को कोई उन्हें चूम रही है कोई हाथ चूम रही है उनके अपने आइडल को देखकर जो दीवानगी होती है. आदमी बोरा जाता है सब लड़कियां एक जैसा बर्ताव कर रही थी. काका जी की समझ नहीं आ रहा था कि किसे क्या बोलें. प्रिंसिपल ने बाद में लड़कियों को कुछ कंट्रोल किया.
फिर सबसे तस्वीर खिंचवाई उन्होंने काका जी को बहुत सताया.वही महमूद ने आगे बताया कि जब शक्ति सामंत ने राजेश खन्ना के कपड़ों की हालत देखी तो सोच में पड़ गए की शूटिंग कैसे होगी उनके कोर्ट का रंग बदलकर लाल से पीला हो गया था उस दिन दूसरे सीन की शूटिंग हुई और वह सिम कैंसिल करना पड़ा.आपको बता दें राजेश खन्ना के लिए लोगों में तो दीवानगी ही थी वही निर्माता-निर्देशक भी उन्हें अपनी फिल्मों में लेने के लिए लाइन में रहते थे.
उनसे मिलने के लिए उनके बंगले आशीर्वाद के पास गाड़ियों की लंबी लाइन लगा करती थी.एक बार जब काका बीमार पड़े और अस्पताल में भर्ती हुए तो निर्माता निर्देशकों ने उनके आसपास के सभी बेड इस लिए बुक करवा लिए ताकि वह काका को अपने फिल्म की कहानी सुना सके और उन्हें फिल्म मे साइन कर सकें।
